कोरोना की चपेट में आने वालों में युवाओं की संख्या अधिक, जानें क्या हैं कारण

कोरोना की चपेट में आने वालों में युवाओं की संख्या अधिक, जानें क्या हैं कारण

नई दिल्ली
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर व्यापक रूप से फैली हुई है। इस दौरान कुछ दिन पहले कोरोना वायरस के चार लाख दैनिक मामले सामने आए, हालांकि तीन दिनों से मामलों में गिरावट है। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर की पीक गुजर चुकी है और अब मामलों में गिरावट देखी जाएगी। हालांकि इस बीच एक सवाल सभी के मन में पैदा होता है कि महामारी की दूसरी लहर के तहत युवाओं में संक्रमण ज्यादा क्यों फैल रहा है।

इस सवाल का जवाब देते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव का कहना है कि युवाओं में ज्यादा संक्रमण दर होने के पीछे दो मुख्य कारण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट से युवा ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वो अचानक बाहर निकले और उस दौरान वायरस देश में मौजूद था, जिस वजह से वो संक्रमित हुए।

बता दें कि मंगलवार को डॉक्टर बलराम भार्गव स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेसवार्ता संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनसे पूछा गया कि तीसरी लहर में छोटे बच्चों के संक्रमित होने का खतरा बताया गया है, ऐसे में इससे बचने और बच्चों को बचाने के लिए सरकार क्या कर रही है। 

इस पर ़डॉ भार्गव ने कहा कि पहली और दूसरी लहर के बीच उम्र में ज्यादा अंतर नहीं है। हम अगस्त से इसका विश्लेषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 45 से ज्यादा उम्र के लोग ज्यादा कमजोर हैं और अस्पताल में होने वाली मृत्यु दर 9.6-9.7 फीसदी है। 
उन्होंने कहा कि मार्च से शुरू हुई कोरोना की दूसरी लहर युवाओं को ज्यादा संक्रमित कर रही है लेकिन केंद्र ने आयु समूहों में बदलाव की रिपोर्ट्स का खंडन किया है। अप्रैल में जारी किया केंद्र का डाटा दिखाता है कि कोरोना की पहली लहर में जितने लोग संक्रमित हुए, उनमें से 31 फीसदी लोग 30 साल की उम्र से कम के थे जबकि साल 2021 में, ये दर बढ़कर 32 फीसदी हो गई। 

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